मालिक हों तो ऐसे! कंपनी के कर्मचारियों को दी दिवाली पर बोनस और गिफ्ट्स में कार-बाइक, फ्लैट और जूलरी भी.
मालिक हों तो ऐसे! कंपनी के कर्मचारियों को दी दिवाली पर बोनस और गिफ्ट्स में कार-बाइक, फ्लैट और जूलरी भी.
Diwali 2022 Bonus & Gift News: गुजरात के हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया हों या चेन्नै के जूलर जयंती लाल चल्लानी... कर्मचारियों को दिवाली पर बोनस और बेशकीमती तोहफे (Diwali Gift) देने में उनका मुकाबला नहीं।
मुसीबत में साथ नहीं छोड़ा, मालिक ने दिवाली पर खुश कर दिया
चेन्नै के जयंती जूलरी स्टोर के कर्मचारियों को जब दिवाली पर कार और बाइक्स मिलीं तो उनके आंसू छलक आए। जयंती लाल चल्लानी ने आठ कर्मचारियों को कार दी और 18 को बाइक गिफ्ट की। कंपनी के एक अधिकारी के मुताबिक, कंपनी ने इस साल कैश बोनस देने के बजाय गाड़ियां देने का फैसला किया। कंपनी की सोच यह थी कि कैश दो महीने में खत्म हो जाएगा पर कार लंबे वक्त तक साथ रहेगी।
जब कर्मचारी दिल्ली ऑफिस में आएंगे या फिर कहीं घूमने जाएंगे तो उनको कार का याद आएगा कि उनके मालिक ने कार गिफ्ट में दी थी और मन ही मन कर्मचारी खुश होंगे और वह खुशी का कोई ठिकाना नहीं।
कर्मचारियों को इस बारे में कुछ नहीं बताया गया। जब उन्हें सरप्राइज मिला तो कई के आंसू छलक उठे। कंपनी ने पांच साल की गारंटी वाली ऑटोमेटिक कारें बांटी हैं। इंश्योरेंस कवरेज के साथ और पूरी टंकी फुल करके दी है।
महंगे तोहफे देने के लिए मशहूर हैं सूरत के सावजी ढोलकिया व्यापारी
गुजरात के हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया हर साल अपने कर्मचारियों को दिवाली पर महंगे गिफ्ट देते हैं। 2014 में दिवाली बोनस के तौर पर 491 कारें और 207 फ्लैट दिए थे। 2016 में उन्होंने दिवाली पर 400 फ्लैट और 1260 कारें गिफ्ट की थीं। 2018 में उन्होंने अपने तीन कर्मचारियों को मर्सिडीज बेंज जैसी महंगी कार गिफ्ट की थीं।
IT कंपनी ने कर्मचारियों को गिफ्ट की थी BMW
100 कर्मचारियों को मिली 100 बेहतरीन कारें
पूरे गांव में लगवाए सोलर पैनल
गुजरात के ही एक और हीरा कारोबारी हैं गोविंद ढोलकिया। श्री राम कृष्ण एक्सपोर्ट हीरा कंपनी के मालिक हैं। उनके परिवार ने अमरेली जिले में स्थित अपने पैतृक गांव दुधाला की हर छत पर सोलर पैनल लगवाए हैं। दुधाला देश का पहला ऐसा गांव है जो बिना किसी सरकारी मदद के पूरी तरह सोलर एनर्जी पर चलता है। पूरे गांव में 232 घरों, दुकानों और दूसरे प्रतिष्ठानों में कुल 276.5 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। गांव में सिर्फ उन्हीं घर में सोलर पैनल नहीं लग पाए जो सालभर से बंद पड़े थे।